जब आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से परेशान हो गए हो, और आप का मन कुछ नया करने को करे तो आप के लिए एक बहुत ही बढ़िया और साहसिक कार्य है "पैराग्लाइडिंग! हो सकता है आप में से कुछ लोग ऐसे भी हो जो इस का नाम पहली बार सुन रहे हो और कछू लोग ऐसे भी है जिन्होंने इस के बारे मैं सुना तो हो पर कभी इतना ध्यान न दिया हो !
तो आज बात हमारे पैराग्लाइडिंग वाले साहसिक कार्य की, वैसे तो मैं बड़ा ही घुमक्क्ड़ किसम का व्यक्ति हु और इस घुमक्क्ड़पन का साथ मेरी धर्म -पत्नी अच्छे से देती है क्योकि में आज तक जीतनी भी जगह पर घुम्मकड़ी करने गया हु उस मैं 80 % आईडिया उन का ही है, तो बस क्या था की हमें मौका मिला "देव भूमि हिमाचल प्रदेश" जाने का, वैसे तो हम दोनों उत्तर भारत में कई जगह घूमे है पर ये पहला मौका था जब हम हिमाचल जा रहे थे, मन में बड़ा ही उत्साह था, आखिर एक एक पहाड़ी मूल का आदमी, दूसरे पहाड़ी छेत्र जा रहा था, तो बड़ी उम्मीदे और बड़ा उत्साह ! बस फिर क्या था दोनों पहुंच गए हिमाचल प्रदेश और हिमाचल में "पालमपुर" पालमपुर में ठहरने के दो कारण थे पहला की मेरे साथ काम करने वाले मेरे सहयोगी गुलशन का विवाह था और दूसरा की पालमपुर एक ऐसी जगह पर इस्थित है जहा से आप "धर्मशाला, मैक्लोड गंज, बैजनाथ मंदिर और भारत में पैराग्लाइडिंग के स्वर्ग बिलिंग बहुत्त आसानी से पहुंच सकते है, हमने अपना विचार बनाया की हम भी जायेंगे बिलिंग और हम भी लुप्त उठाएंगे पैराग्लाइडिंग का !
तो मन में उमंग और तरंग लिए हम भी चल पड़े बिलिंग लिए, वैसे में आप को बता दू की बिलिंग पहुचने के लिए आप के पास विकल्प है पहला तो आप वहा जाने के लिए टेक्सी किराये पर ले ले और या फिर आप बीड तक बस में जा कर वह से टेक्सी ले ले क्योकि कोई भी बस आप तो बिलिंग तक नहीं ले कर जाएगी, हमने बीड पहुंच कर बात की वहा के लोकल लोगो से उन्होंने बताया की यहाँ पैराग्लाइडिंग पिछले 5 सालो में बड़ा ही लोकप्रिय हुआ है, इस की वजह से यहाँ के लोगो को रोज़गार मिला है और ये भारत में पैराग्लाइडिंग का स्वर्ग है.
बीड मे ही हमारी मुलाकात हुई राकेश जो की यहाँ पर पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग करवाते है, हम उन्ही साथ चल पड़े बिलिंग के लिए जो की बीड से 12 किलोमीटर दूर है, रास्ते में राकेश ने बताया की बिलिंग की पैराग्लाइडिंग विश्व में दूसरा स्थान रखती है, वैसे अब की बार बिलिंग में पैराग्लाइडिंग का विश्व कप होने जा रहा है.
जैसे ही हम बिलिंग पहुंच वहा का नज़ारा देखते ही बनाता था, बहुत ही सुन्दर और लोग क्या मस्ती कर रहे थे, कुछ ऐसे लगा जैसे लोगो को पंख लग गए हो, बहुत से लोग तो ऐसे हवा में हिंडलो ले रहे थे जैसे हवा मैं झूला झूल रहे थे, हमने भी हवा में उड़ने का साहस किया हमारा अनुभव भी एक दम अविस्वनीय लग रहा था हम आसमान मे थे और हमारे पायलट हमें बदलो और बर्फ के पहाड़ो के पास ले जा रहे थे, बदलो के बीच हमारे साथ कभी कभी पक्षी भी आजाते थे सोच कर ही रोमांचित हो जाता था की हम भी आज पक्षी की तरह से उड़ रहे है ये सभी अनुभव कभी न भूलने वाला है ऐसा लगा जैसे आप को सच में पंख लग गए हो…