शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

Anchua pahlu...

आज बात कुछ इसी बचपन  की जिसे आपनेऔर मैंने   बड़े करीब से देखा है और आप इसे बहुँत पयार भी करते है !

   जो बात बचपन की है वो कभी किसी मैं नहीं होती और हम सब कही न कही अपने बचपन को मिस करते है
और जो एसा कहते है  की एसा नहीं है वो अपने आप से झूट बोल ते है, पर  मैं इसे लोगो के बारे मैं बात ही नहीं
करुना जो एसा sochte है मैं तो उन लोगो के साथ हु जो बचपन की जीवन का सब से अमूल्य समय मांगते है

तो दोस्तों आज मैं कुछ ही बचप की बात करूँगा और हम एस बात को इसे ही बद्येगे बस आप लोगो का सहयोग चाहिए मुझे अपने एस कदम मैं इसे एक सरिस के तोर पैर आप के सामने लूँगा

बात आज से पिछले १७ साल पुराणी है! जब मेरे पिता जी मेरे को गाँव से डेल्ही की चमक दमक मैं लाये थे तब सायद ये मेरे लिए एक सपने से कम न था जब मैं डेल्ही  पहुच तो साम का समय था और मैं द्लेही के कालका जी मैं अपने घर पर गया वह मैं एक बात जो सोची की क्या देश की राजधानी यही है जिसे मैं सिर्फ सुना था कालका जी मैं वो साम  का टाइम और तब डेल्ही मैं मेदक गाढ़ी चलती थी जिस की जगह अब थ्री व्हीलर ने ले ली है !

डेल्ही मैं दुआब्ल देकर बस चल करती थी वो नेहरू प्लेस से चलती थी, जिस मैं कंडेक्टर टिकेट लेने के लिय खुद आता था और बस मैं चड़ने के लिए बस स्टाप par लाइन लगा करती थी जिस मैं लोग अपनी बरी से चदा करते थे

और दूद प्लास्टिक की बोतलों मैं आता था आप रोज रात मैं अपनी कल वाली बोतल को अपने घर के बहार रख देते थे और जब आप मोरिंग मैं अपना गाते खोलते थे तो आपको अपना दूद का बोत्तल भरा हुआ मिलता था


बड़ा ही मजेदार थे वो दिन जब पिता जी मेरा admission  करने के लिए स्कूल मैं ले गए और

Father :- गुड मोरिंग मैडम मैं अपने बेटे का adamission  करवाने  आया हु
Teacher :- आएये बेठिये, क्या नाम है आप के बेटे का
Father :- रणजीत 'सिंह है
Teacher :- बड़ा ही पयार नाम है , आप एस का डेट ऑफ़ बिर्थ ceritficate  लाये है
Father :- मैडम ये गाँव मैं पैदा हुआ है जहा पैर हॉस्पिटल मैं delivery नहीं करई जाती एस लिए eska बिर्थ certificate  तो नहीं हा पैर मैं आप को अपने गाँव के Gharam  प्रधान  का certificate दिका सकता हु जो की सब जगह चलता है
Teacher :- ओके दिखाओ
Teacher  :- आप का बेटा तो अभी पुरे ४ साल का नहीं हुआ है हम इसे अभी adminission  नहीं दे सकते
Father :- आप please  मेरे बेटे का addmission कर लिजेये ये घर पैर हमें बड़ा ही परेशां करता है हा आप एस को
केसे भी adminission दे दीजिये कम से कम स्कूल मैं बेठना तो सिख जाएगा
Teacher :- आप केसी बात कर रहे है आप का बेटा अगर आप को परेशां करता है तो आप  उस का admission स्कूल मैं करा देंगे ताकि वो हमें परेशां करे आप अपने बेटे को ले आजो जब एस की उम्र पूरी हो जाये तो फिर ले कर आये फिर हम आपके बटे को admisson  दे देंगे !

आज के लिए इतना ही फिर एक शाम और एक नयी बात कुछ महसूस की सी ....

आपका .....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें