रविवार, 21 अप्रैल 2013

Rape Cases In Delhi

          
      फिर से एक बार फिर भारत की राजधानी डेल्ही शर्मसार हुई है डेल्ही मैं फिर एक बार गाँधी नगर इलाके मैं रहने वाली 5 वर्षीय "गुडिया"   बलात्कार और जिस प्रकार की हेवानियत उस पाच साल की बच्ची के साथ हुई उसे देख और सुन कर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाये, फिर सवाल आख़िरकार हमारा समाज किसी और जा रहा है वेसे हम अपने को मोर्डेन कहने लगे है, क्या ये है हमारा सभय और मोर्डेन समाज? जहा पर हमारी बहन बेटिया (स्त्री ) सुरक्षित नहीं है, क्यों समाज का रविया इतना अनेतिक हो गया है आखिर क्यों? क्यों आज के समाज मैं रहने वाले लोगो के मस्तिक मैं  इतनी योन हिंसा भर गयी है की वो एस प्रकार के कृत्य कर केसे लेते है!

   हमें सब से पहले इस बात की गहराई मैं जाना होगा की आखिर कोन से वो कारण है की लोग एस प्रकार की हेवानियत कर लेते है एसे लोग दिमागी बीमार होते है पर ये बीमारी आती कहा से है इस बात को समझना होगा और समझना होगा की क्यों आज स्त्रियों को सिर्फ भोग की वस्तु समझा जाने लगा है!

       जेसे ही ये  खबर  मीडिया मैं आई ये बरसाती मेढक (नेताओ की जमात ) क्यों की ये चुनाव आने से पहले ही नज़र आते है और अपने बिलों से निकल  पड़ते है  अपनी राजनीती चमकाने और मोका धुन्दते है और इस बार से कोई फर्क नहीं पड़ता है की वो सता पक्ष के है या विपक्ष पक्ष वाले  या राजनीती मैं अपनी किस्मत आजमाने वाले है जेसे है चुनाव पास आते है इनका तर्ताराना सुरु हो जाता है और हर किसी के पास अपनी राजनीती के लिए अलग अलग बहाने डेल्ही की सता हमारे पास पुलिस का नियंत्रण नहीं है इस लिए हम केंद्र सरकार से बात कर रहे है, विपक्ष वाले राज्य की सरकार अपना काम सही से नहीं कर पा रही है उसे स्तीफा दे देना चहिये, और नेता बनने की चाह रखने वाले लोग हमें मोका दीजिये हम डेल्ही से अपराध मिटा देङ्गे, बातों के मामले मैं हवाई जमीनी हकीकत कुछ और

   हालत तो यहाँ तक खराब है की देश के प्रधान मंत्री सिर्फ अफोसोस व्यक्त कर रह जाते है, ग्रह मंत्रालय को दो दिन बाद याद आता है सब कुछ, और फिर वोही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कर अपना पल्ल्ला झाड़ लेते है,  राजनितिक पार्टी मुदे को अपने आप के लिए भुनाने लगती है!

बात पुलिस की जिस पर सुरक्षा का जिम्मा है, आप एक बार थाने गए तो यकीन मानिये की दुबारा जाने से हिच्कच्येंगे, वहा जा कर आपको पता चलेगा की आज भी भारत की राजधानी मैं FIR लिखवाने की किये क्या क्या करना पड़ता है और अगर आप ने किसी तरह से अपनी FIR लिखवा भी ली तो एस बात की कोई सम्भावना नहीं की आप की शिकायत  पर कारवाही होगी, हा लेकिन ऐसा  जरूर हो सकता है की आप को जरूर परेशान किया जाये! अब इन बातो से आप खुद ही सोच सकते है की जब ये हालत भारत की राजधानी डेल्ही की है तो और राज्यों की क्या हालत होगी !

    लेकिन "गुडिया" को इस बात से क्या की कोन क्या कर रहा है, कोण नेता है कोन नहीं है किस की क्या जिमेवारी है और क्या नहीं,  लेकिन सवाल जूस का तस क्या जो उस के साथ हुआ क्या उसे रोक जा सकता था, अगर हा तो कोन लोग है जो इस के जिमेवार है, किसी भी लोकतान्त्रिक (कल्याणकारी) राज्य मैं उस के नागरिको की सुरक्षा का जिम्मा राज्य का होता है, लेकिन जिस प्रकार हमरी केन्द्र सरकार  राज्य सरकार सुरक्षा  पर्दान करने मैं विफल रही है अब जनता को समझ मैं नहीं आता की आखिर वो जाये तो कहा जाये!

   साथ मैं इस बात को भी समझने की भी है की आखिर हम क्यों नहीं अपनी गलतियों से कुछ सीखते क्यों हम किसी भी घटना की पुनरावर्ती बार बार होने देते है आखिर क्यों लोगो के मन से कानून का डर  खत्म होता जा रहा है और क्यों  लोगो के मन से कानून से विस्वास उठता जा रहा है! ये एसे कुछ सवाल है जिन का उत्तर हमें जल्द से जल्द निकलना होगा>>..








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