आज बात डेल्ही की और डेल्ही में चलने वाले ई - रिक्शा की, डेल्ही की सड़को पर बेखौफ मन मौजी तरीके से डोलते हिंडोले लेते ये मौत के फ़रिश्ते जिन के लिए न कोई कानून है न कोई कायदा ___ काफी बार सोचता हु की आखिर क्या हो गया है हमारी सरकार को किसी भी बात को लेकर सवेदनशील ही नहीं है. इतने दिनों ये ये ई - रिक्शा का मामला जोरो शोरो से चलाया जा रहा था ! लेकिन किसी कोई मतलब ही नहीं, डेल्ही में तो कुछ ऐसा हो गया है की एक मुसीबत जाती नहीं दूसरी आ जाती है! अब नयी मुसीबत है ये ई - रिक्शा जिनका परिचालन सरकार को सड़को से हटा लेना चाहिए चाहिए !
वर्तमान समय में कोई भी सरकार हो कोई भी राजनैतिक दल हो किसी को कोई परवाह नहीं अगर परवाह है तो सिर्फ राजनितिक रोटिया सेकने की और इन रोटियों के चक्कर में अगर किसी का नुकसान हो रहा है तो है तो वो है आम आदमी और दोस्तों मैं किसी राजनैतिक दल का नाम नहीं ले रहा हु! मेरा मतलब है डेल्ही की दबी- कुचली जनता से।
दोस्तों शायद आप आप ने त्रिलोक पूरी की घटना का संज्ञान लिया हो, जिस में एक मासूम ने अपनी जान गवा दी और ये सब हुआ सिर्फ ई - रिक्शा की टक्कर की वजह से वो बच्चा खोलते हुए तेल कड़ाही में गिर गया और अपनी जान गवा दी, साथ ही उस मासूम की जान बचाने के चक्कर में उसकी माँ के दोनों हाथ भी जल गए!
उस के बाद सरकार ने तो नहीं लेकिन हमारे उच्च न्यायालय ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए अगले आदेश तक इन ई - रिक्शा के परिचालन पर रोक लगा दी है, पर मेरा सवाल जस का तस क्यों हम सब दुर्घटनाओ का इंतज़ार करते है क्यों नहीं हम पहले से ही दुर्घटनाओ से बचने के तरीके खोज पाते, ताकि हम आम जनता की जान माल की रक्षा कर सके, और उन नियम कानूनो को सख्ती से लागु किया जाये। या फिर ये हमारी आदत में शुमार हो गया है की पहले दुर्घटनाओ को हो जाने दो फिर जा कर हमारी सरकार की नींद खुलेगी, क्यों हम लोगो की जान गवाने तक इंतज़ार करते है.
ऐसा नहीं है की ये पहली घटना है इस से पहले भी कई बार ई - रिक्शा के परिचालन को लेकर सवाल उठे पर फिर वोही ही राजनीतिक दलों की रोटिया और फिर दुबारा से कुछ नही.
मैं कोशिस कर रहा हु इन ई - रिक्शा के परिचालन से होने वाली परेशानियों के बारे में से अगर आप मेरी बातो से सहमत हो तो मेरा ये बॉलग जरूर शेयर करे ताकि जायदा से जायदा लोगो तक जागरूकता फैला सके और अपनी आवाज को सरकार और सम्बन्दित कार्यालयों तक पंहुचा सके.
- अवैध ई - रिक्शा:- अभी तक सरकार के दवारा कोई भी ऐसा कानून नहीं लाया गया है जिस से हम इन ई - रिक्शा की जिम्मेदारी तय कर सके, इन का कोई चालान या इस को चलाने के लिए कोई किसी प्रकार का कोई लाइसेंस नहीं लेना पड़ता, ज़यादातर ई - रिक्शा छोटे मोटे माफिया लोगो के है जो इन को किराये पर दे कर पैसा कमा रहे है,
- बांग्लादेशी ड्राइवर : इन ई - रिक्शा के कारोबार में कई बांग्लादेशी नागरिको भी पैसा कमा रहे है, उन की महिलाये डेल्ही के घरो मैं काम करती है और बांग्लादेशी पुरष अब इन ई - रिक्शा के परिचालन में लग गए है जिस कारण डेल्ही मैं स्लम बढ़ता ही जा रहा है !
- बिजली चोरी की समस्या:- ई - रिक्शा के साथ ही एक और समस्या ने विकराल रूप ले लिया है और वो है बिजली चोरी की और साथ ही इन बैटरियों को चार्ज करने के लिए भी वो सरकारी बिजली की चोरी कर रहे है! इन ई - रिक्शा को चार्ज करने के बिजली से चार्ज करना पड़ता है !
- ई - रिक्शा की बनावट :- अभी मैं पड रहा था की ई - रिक्शा के बनावट में भी ढेर सारी कमिया कारण ये ई - रिक्शा कभी भी पलट जाते है और लोगो को अपनी जान से हाथ गवाना पड़ता है!
- क्षमता से अधिक सवारी :- कम समय में जयादा पैसा कमाने की चाह मैं क्षमता से अधिक सवारी बैठा लेते है जिस कारण दुर्घटनाये होने की संभावना भी बड़ जाती है!
- ई - रिक्शा की रफ़्तार:-हमारी डेल्ही ही अपने कम रफ़्तार सड़को के लिए जाना जाता है उस के बाद ये ई - रिक्शा की कम रफ़्तार की वजह से हमारी यातायात की रफ़्तार में भी कमी आई है जिस कारण हम सड़को पर लम्बा लम्बा जाम देखते है !
- रातो को ई - रिक्शा लाइट न जलाना:- अपनी ई - रिक्शा की बैटरी को बचाने के लिए ये लोग अपने ई - रिक्शा का लाइट नहीं जलाते है जिस ने इन के आने पता नहीं चलता और दुर्घटना हो जाती है!
मेरा ऐसा मानना है की इस ई - रिक्शा को डेल्ही की सड़को से हटा कर दूरदराज के छेत्रो मैं चलाया जाना चाहिए क्यों की अगर डेल्ही मैं ये ई - रिक्शा ऐसे ही चलते रहे तो डेल्ही की यातायात वयवस्था जो पहले से ही धीमी और अयस्त -व्यस्त है संभालना और भी मुस्किल हो जायेगा!
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