बुधवार, 25 मार्च 2015

"क्रिकेट वर्ल्ड-कप 2015"

                                                           क्रिकेट वर्ल्ड-कप 2015 

   पूरी दुनिया में आजकल क्रिकेट वर्ल्ड-कप 2015  का खुमार फैला हुआ है, और और जिस देश मैं क्रिकेट एक धर्म हो उस देश का और उस देश के  लोगो का क्या कहना। वैसे तो 2015  वर्ल्ड-कप  खेलने से पहले ही भारत के खिलाड़ियों का आत्मविस्वास बहुत बड़ा हुआ था, क्योकि उन्होंने उस से पहले की श्रंखला में अच्छे खेल का पर्द्शन किया था। 

मुझे  याद आता है जब हमारी टीम को वर्ल्ड-कप २०१५ के लिए चयन्ति किया गया था तब उस के चयन पर सवाल उठाये गए थेकी क्या ये खिलाडी अपने देश के लिए एक बार फिर वर्ल्ड-कप ला पाएंगे अभी तक तो खिलाड़ियों ने जिस प्रकार का खेल इस वर्ल्ड-कप में दिखाया है वो काबिले तारीफ है, सेमीफइनल तक की दौड़ मैं अभी तक उन से आगे कोई नहीं निकल पाया, जिसे हमारी कमजोरी बताया जाता था वो बोलर अपना सर्वश्रेठ पर्दशन कर रहे है, इस में कोई दो राय नहीं की पूरी टीम जिस भावना से खेल के मैंदान में उतर कर अपने विरोधियो को धूल चटा रही है वो सिर्फ और सिर्फ तभी सम्भव है जब आप की टीम एक जुट होकर अपना पर्द्शन करे और अभी तक ऐसा हो भी रहा है

अब बात होने वाले सेमीफइनल की जिस में की हमारा मैच एक मजबूत समझी जाने वाली टीम के साथ है, वैसे ऐसा नहीं हिअ नहीं है की हम ने इस टीम को कभी हराया नहीं है, कई बार हराया है पर एक बात में हमेशा कहता हु कभी भी विरोधी टीम को कम कर  आंको, समय है जब हमें एक बार फिर से अपना बेहतर पर्द्शन  दे कर अपनी टीम को इस वर्ल्ड-कप के फाइनल में पहुचना है जहा पर न्यूज़ीलैंड पहले से ही पहुंच चूका है.
 अब देखना है और मेरी पूरी उम्मीद है की हम ऑस्ट्रेलिया को हरा कर फाइनल में पहुचेंगे। 








रविवार, 15 मार्च 2015

"India's Daughter"



   आज बात निर्भया वाली डॉक्यूमेंट्री की.…  माना की ये डॉक्मेंट्री बनाना या दिखाना सही नहीं था.… ऐसा सरकार मैं बैठे हुए कुछ लोग और कुछ विद्वानो का भी यही मत है. 

   में ये मानता हु की इस मैं ऐसा कुछ भी नहीं की जिसे न दिखाया जाये और ये कोई बाजारीकरण नहीं ,  जैसा की मैं कई समाचार पत्रो में पड़ा.… मेरे हिसाब से ये एक साहसिक कार्य है जो की बीबीसी ने किया है जब तक हम लोगो को समाज मैं होने वाली घटनाओ के बार में नहीं बताएँगे तब तक कैसे लोगो को समाज के बारे मैं पता चलेगा!

    दूसरी बात हम सिर्फ क्यों मुकेश (आरोपी) की ही बात के बारे मैं पूरी डॉक्यूमेंट्री में बात कर रहे है  क्यों नहीं हम जो दूसरे लोगो जो इस डौक्यूमेंटी का हिस्सा है उन के बारे में क्यों नहीं बात कर रहे.… ये आदमी जो गलत है वो तो है पर कुछ ऐसे भी लोगो है डौक्यूमेंटी मैं जिन्होंने इस पूरी वारदात में अपना सब कुछ गवाया है कुछ लोगो ने अपनी ड्यूटी को कितने बढ़िया तरीके से निभाया है वो भी इस डौक्यूमेंटी का हिस्सा है जो  हम इस डौक्यूमेंटी में देख सकते है!

   मैंने अपने पहले के बोलोगो में भी लिखा है की किसी भी घटनाओ के दो पहलु होते है और हमें दोनों पहलु समझने होंगे सिर्फ विरोध करना है इस लिए किसी भी बात का विरोध नहीं करना है.