रविवार, 15 मार्च 2015

"India's Daughter"



   आज बात निर्भया वाली डॉक्यूमेंट्री की.…  माना की ये डॉक्मेंट्री बनाना या दिखाना सही नहीं था.… ऐसा सरकार मैं बैठे हुए कुछ लोग और कुछ विद्वानो का भी यही मत है. 

   में ये मानता हु की इस मैं ऐसा कुछ भी नहीं की जिसे न दिखाया जाये और ये कोई बाजारीकरण नहीं ,  जैसा की मैं कई समाचार पत्रो में पड़ा.… मेरे हिसाब से ये एक साहसिक कार्य है जो की बीबीसी ने किया है जब तक हम लोगो को समाज मैं होने वाली घटनाओ के बार में नहीं बताएँगे तब तक कैसे लोगो को समाज के बारे मैं पता चलेगा!

    दूसरी बात हम सिर्फ क्यों मुकेश (आरोपी) की ही बात के बारे मैं पूरी डॉक्यूमेंट्री में बात कर रहे है  क्यों नहीं हम जो दूसरे लोगो जो इस डौक्यूमेंटी का हिस्सा है उन के बारे में क्यों नहीं बात कर रहे.… ये आदमी जो गलत है वो तो है पर कुछ ऐसे भी लोगो है डौक्यूमेंटी मैं जिन्होंने इस पूरी वारदात में अपना सब कुछ गवाया है कुछ लोगो ने अपनी ड्यूटी को कितने बढ़िया तरीके से निभाया है वो भी इस डौक्यूमेंटी का हिस्सा है जो  हम इस डौक्यूमेंटी में देख सकते है!

   मैंने अपने पहले के बोलोगो में भी लिखा है की किसी भी घटनाओ के दो पहलु होते है और हमें दोनों पहलु समझने होंगे सिर्फ विरोध करना है इस लिए किसी भी बात का विरोध नहीं करना है.  




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