बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

------Lalu Yadav---- Political System

 

     आखिरकार लालू यादव को भी जेल का मुह देखना पड़ा, आखिर वो कोन सी बात है की हमारे राजनेता कोई भी गलत काम करने से डरते नहीं है, ऑडिट रिपोर्ट बोलती है 950 का करोड़ का घोटाला है लेकिन सजा हुई सिर्फ 37 करोड़ तक के मामले मैं, और उस मैं भी राज्य के दो दो मुखिया (मुख्यमंन्त्री) मिले हुए !


     नेतिकता तो लगता है सिर्फ किताबो की बाते रहे गयी है, कोई भी इस की बात  नहीं  करता और अगर करता भी है तो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए,नेतानो ने न सिर्फ  लोगो की उम्मीदों को  सिर्फ ख़तम किया बलिक उन के साथ धोखा किया कोई इस बात को क्यों नहीं समझता है! और हर बार हम उन दागी लोगो को फिर से अपना नेता चुन लेते है! इस मैं हमारी जनता की भी गलती है क्यों की वो अपने वोट रूपी दवाई का सही से इस्तमाल नहीं करता है!

  जय प्रकाश के आन्दोलन से अपनी जड़े बनाने वाले और एक समाजवादी व्यक्ति से ऐसी  उम्मीद कभी भी जनता ने नहीं की होगी, पर मुझे कभी कभी दो लाइन याद आ जाती है की ये तो इंडिया है यहाँ कुछ भी हो सकता है!

   इन लोगो को काबू करने के लिए जो भी नियम कानून बनाये जाते है वो सब इन वो धरे के धरे रह जाते है, इस का सब से बड़ा कारण है सुस्त न्याय व्यवस्था, पहले तो FIR लिखने मैं इतना टाइम लग जाता है उस के बाद  एक पूरी न्याय वयस्था,  जिस के हीरो ही इसे नाकारा बना देते है, मैं बात कर रहा हु वकीलों की जिन का काम ही आज के टाइम पर सब गलत कामो को नयायालय मैं ठीक कर के बताना है, क्योकि इस की एवज मैं उन को बढ़िया फीस मिलती है, क्या करे वो भी बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रूपया!!!

  उस के ऊपर से अगर कभी कभी कुछ लोग अच्छी बात कर लेते है तो उन को पीछे धकेल दिया जाता है, बड़ी मुस्किल से जन-प्रतिनधि कानून  आ रहा था उस को रोकने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी एडी छोटी का जोर लगा दिया, अगर ये पास हो,  कांग्रेस ने तो हद ही कर दी जल्दी जल्दी सदन मैं लाये और राष्टपति के पास भेज दिया हस्ताक्षर के लिए, सब दागी नेताओ को डर लगने लगा की कही ये उन के गले की हड्डी न बन जाये !

   मैं हर बार के तरह एक बार फिर से बोलना चाहता हु की अब की बार फिर से लोकसभा के चुनाव आ रहे है, एक और लोकतंत्र का पर्व आ रहा है, हमें इस बात को समझना होगा की सरकारे तो आजादी के बाद बड़ी बदल चुकी है, एक बार क्यों न व्यवस्था को बदलने को कोशिस की जाये, ताकि ये जो कुछ भी देश मैं गुंडाराज चल रहा है इस को अगर हम थोडा भी टिक कर सके तो ये हमारे लोकतंत्र की जीत होगी!!!


    

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें