जेसे ही आज सचिन ने अपने संन्यास की बात मीडिया के सामने कही दिल बेठ सा गया, मालूम है की जो आया है उस को जाना है पर दिल करता है की टाइम लोट जाये, सचिन के बिना क्रिकेट और क्रिकेट के बिना सचिन आधुरे है, आज अगर क्रिकेट विश्व जगत के पटल पर है इस का श्रेय जाता है क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन को!!!
एसी सादगी और उत्तम श्रेणी का खेल और उतना ही विवादों से दूरी एसा हर कोई नहीं कर सकता, इस चकाचोंद की जिन्दगी मैं हर कोई टाइम के साथ बदल जाता है पर अगर कोई नहीं बदला तो वो है सचिन यही उन एक बात है जो उन को सब से अलग करती है। कोई दो राय नहीं बदती उम्र किसी के इये भी परेशानी का सबक बन सकती है, पर सचिन ने इस उम्र मैं भी जिस तरह का खेल अपने चाहने वालो को दिखया है वो काबिले तारीफ है!
अगर आप बात करे एक दिवसीय मेचो की या फिर बात करे टेस्ट मेचो की या फिर टी 20 की सचिने ने अपने आप को काबिल साबित किया है, सचिने का होना ही विपक्षी टीम के लिए एक मनोविज्ञानिक दवाब रखता था, सायद ही कोई हो जो सचिन को अनदेखा कर सके, उनका आत्म-विस्वास काबिले तारीफ था!!!
मुझे याद आता है एक बात किसी प्रेस रिपोर्टर ने सचिन से पूछा अभी आप अपने क्रिकेट के जीवन के उचतम स्तर पर है आप सन्यास क्यों नहीं ले लेते, australia के कप्तान मार्क व और कई और दिगज खिलाडियों ने ऐसा ही किया ताकि उन का नाम हमेशा इजत के साथ किया जाये, तब सचिन ने कहा था की मैं कभी अपने देश के साथ गदारी नहीं कर सकता की जब मैं भुअत अच्छा खेल रहा हु तब मैं सन्यास ले लू सिर्फ ताकि लोग मुझे याद रखे की मैं अच्छा खेलता था नहीं मैं उस दिन सन्यास लूँगा जब मुझे लगेगा की मैं अब अपनी बनायीं हुई खेल की कसोटी पर खरा नहीं उतर रह… और इसे सब्द सिर्फ और सिर्फ एक महान खिलाडी हो बोल सका है,
एक ऐसा इन्सान जिस का जीवन समर्पित है खेल और लोगो के लिए, जब उन के चाहने कोई सचिन खेलते हुए नहीं मिलेंगे तो केसा लगेगा, पर ये तो होना ही था तो मैं तो सिर्फ ये कहूँगा सचिन आप जेसा न अभी तक कोई हुआ है और न सायद कभी ःओग… मेरी शुभकामनये सचिन के सथ… लेकिन हम आप को खेल के मैदान पर बड़ा याद करेंगे भगवन आपको लम्बी और निरोगी आयु दे… यही हम सब की सुभकामनाये है!!!
एसी सादगी और उत्तम श्रेणी का खेल और उतना ही विवादों से दूरी एसा हर कोई नहीं कर सकता, इस चकाचोंद की जिन्दगी मैं हर कोई टाइम के साथ बदल जाता है पर अगर कोई नहीं बदला तो वो है सचिन यही उन एक बात है जो उन को सब से अलग करती है। कोई दो राय नहीं बदती उम्र किसी के इये भी परेशानी का सबक बन सकती है, पर सचिन ने इस उम्र मैं भी जिस तरह का खेल अपने चाहने वालो को दिखया है वो काबिले तारीफ है!
अगर आप बात करे एक दिवसीय मेचो की या फिर बात करे टेस्ट मेचो की या फिर टी 20 की सचिने ने अपने आप को काबिल साबित किया है, सचिने का होना ही विपक्षी टीम के लिए एक मनोविज्ञानिक दवाब रखता था, सायद ही कोई हो जो सचिन को अनदेखा कर सके, उनका आत्म-विस्वास काबिले तारीफ था!!!
मुझे याद आता है एक बात किसी प्रेस रिपोर्टर ने सचिन से पूछा अभी आप अपने क्रिकेट के जीवन के उचतम स्तर पर है आप सन्यास क्यों नहीं ले लेते, australia के कप्तान मार्क व और कई और दिगज खिलाडियों ने ऐसा ही किया ताकि उन का नाम हमेशा इजत के साथ किया जाये, तब सचिन ने कहा था की मैं कभी अपने देश के साथ गदारी नहीं कर सकता की जब मैं भुअत अच्छा खेल रहा हु तब मैं सन्यास ले लू सिर्फ ताकि लोग मुझे याद रखे की मैं अच्छा खेलता था नहीं मैं उस दिन सन्यास लूँगा जब मुझे लगेगा की मैं अब अपनी बनायीं हुई खेल की कसोटी पर खरा नहीं उतर रह… और इसे सब्द सिर्फ और सिर्फ एक महान खिलाडी हो बोल सका है,
एक ऐसा इन्सान जिस का जीवन समर्पित है खेल और लोगो के लिए, जब उन के चाहने कोई सचिन खेलते हुए नहीं मिलेंगे तो केसा लगेगा, पर ये तो होना ही था तो मैं तो सिर्फ ये कहूँगा सचिन आप जेसा न अभी तक कोई हुआ है और न सायद कभी ःओग… मेरी शुभकामनये सचिन के सथ… लेकिन हम आप को खेल के मैदान पर बड़ा याद करेंगे भगवन आपको लम्बी और निरोगी आयु दे… यही हम सब की सुभकामनाये है!!!
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