सोमवार, 20 जनवरी 2014

:Delhi Police:


150 साल पुराना इतिहास गौरव कि इतनी सारी गाथाये, डेल्ही कि शान डेल्ही पुलिस कई बार सवालो के घेरे  मैं रही है, बहूत सारे सवाल और सवालो के अधूरे उत्तर…

    आप कि सरकार आज धरने पर बैठी है,  आम जनता भी उनके साथ बेठी है पर एक बात नहीं समझ मैं आ रही के ऐसा आखिर हो क्यों रहा है, क्या केजरीवाल को आंदोलन करने मैं मजा आता है, या उनकी बातो मैं पहले जेसी सचाई है, इस मैं कोई दो राय कि डेल्ही मैं डेल्ही पुलिस का काम  करने का तरीका ठीक नहीं है, और ये वो लोग  ही बता सकता है जो इनके आप किसी काम  से गया हो ये केसे लोगो को परेशान करते है, सीधे सच्चे व्यक्ति को परेशान करते है और बदमाश लोगो को सहयोग करते है !

    एक छोटी सी बात बोलता हु आप जाओ पुलिस स्टेशन अपना मोबाइल चोरी कि रिपोर्ट लिखने के लिए तो आप को वहा पर पुलिस वाला बोलेगा कि आप ये बोलो कि आप का मोबाइल चोरी नहीं हुआ है हा गिर गया है, इस लिए हम आप कि चोरी कि रिपोर्ट नहीं लिखेंगे आप कि शिकायत कोरे कागज पर लिख कर दे दो हम कारवाही, बस उस के बाद आप भुल जाइये अपने मोबाइल को.… और अगर आप कभी गलती से पुलिस स्टेशन दुबारा से पता करने चले गए अपने मोबाइल के बारे मैं तो आप को उल्टा डाँट कर वापिस बेज दिया जायेगा !

    इस बात मैं कोई दो रे नहीं जो भी डेल्ही पुलिस ने डेल्ही के नेताओ के साथ किया वो बेहद है शर्म नाक है, मंत्री होते हुए भी उनको किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला तो इस बात से साबित होता कि जब आम जनता का क्या हश्र होता होगा !

   और कही न नहीं केजरीवाल कि इस बात मैं दम लगता है कि डेल्ही पुलिस को डेल्ही सरकार के अंतर्गत ही होना चाहिए नहीं तो ऐसी ही समस्यों  से दो चार होते रहना पड़ेगा !



    

शनिवार, 18 जनवरी 2014

::AAM AADMI PARTY:: "AAP"

 
  "आप" जिस तरह से विनोद कुमार बिन्नी आप के साथ खेल रहे है  लग रहा है कि कही न कही ये एक साजिश के तहत हो रहा है, अभी तो सरकार बने कुछ ही दिन हुए है और इस तरह से अगर "आप" के नेताओ के मतभेद मीडिया के सामने आते रहेंगे तो ये डेल्ही और डेल्ही कि जनता के साथ धोखा होगा जिन्होंने बड़ी उम्मीदो के साथ एक भरोसा "आप" जताया है!

    कांग्रेस से कोई पार्टी कुछ सीखे या न पर मैं ये मानता हु कि पार्टी अनुसासन कैसे कायम रखा जाता है जरूर सीखना चाहिए !

 मेरा सवाल ये है कि  आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी थे कि  विनोद कुमार बिन्नी को सार्वजानिक मंच पर आ कर इस तरह से "आप" और अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ बोलना पड़ा, क्या ये मुदे पार्टी भीतर नहीं सुलजाये जा सकते थे, क्या अरविन्द केजरीवाल सच मैं तानाशाह हो गए है  !

साथ मैं एक बात और बोलना कहता हु कि हमें टाइम देना होगा अरविन्द केजरीवाल को काम करने का क्योकि कही ऐसा न हो कि वो हमारी मांगो, उम्मीदो के तले इतना न दब जाये कि गलत फैसले लेने सुरु कर दे, किसी भी सरकार को हमारा संविधान 5 साल  का मोका देती है काम करने के लिए और हमारी उमीदे "आप" के साथ इतनी जयादा है कि हमें लगता है सब कुछ रातो-रात बदल जाये !


शनिवार, 4 जनवरी 2014

AAP- A New Beginning In Indian Politics


       

       एक लंबे संघर्ष के बादऔर,अरविन्द केजरीवाल के अथक प्रयासो के बाद ख़िरकार डेल्ही मैं आम आदमी कि सरकार बनी, हम सभी कि और से आम आदमी पार्टी को सुभकामनाये , और जिस तरह के वादे देल्ही के मुख्यमंत्री साहब ने किये है हम सब कि उम्मीदे है कि वो इन उमीदो पर खरा उतरेगे।
         बात अरविन्द केजरीवाल कि तो कोई लम्बा चौड़ा इतिहास नहीं है इन का राजनीति के छेत्र  मैं पर जिस तरह से उन्होंने डेल्ही वासियो को उम्मीद दी है अछे सुशासन कि अगर वो इस मैं कुछ हद तक भी सफल हुए तो उन के जीवन कि बड़ी उपलभदियो मैं गिना जायेगा !


          हमें अच्छे सुशासन के साथ एक बात ये  भी समझनी होगी कि अगर हम किसी पार्टी या किसी भी नेता से बहुत सारी उम्मीदे रखते है तो हमे इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वो पार्टी और वो नेता भी आप से कुछ उम्मीदें रखता है, मसलन बात है भ्रष्टाचार की तो हमें भी साथ देना होगा, हमें भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी होगी, अगर कोई आप से भ्रष्टाचार (रिश्वत) मांगता है तो हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम उस कि रिपोर्ट करे और उसे रिश्वत न दे. 


क्योकि  भ्रष्टाचार को बढ़ाने और घटाने के लिए जितना जिमेवार सरकारे है उतनी ही जनता भी जिमेवार है, अगर हम रिश्वत देंगे ही नहीं तो लने वाला रिश्वत लेगा कैसे।
एक और बात जो मुझे अरविन्द केजरीवाल कि बहुत अच्छी लगी कि उन्होंने बोला है वो वो डेल्ही के स्वास्थ्य सेवाओ, और शिक्षा के स्तर को सुधारने कि कोसिस करेगी वो कि एक बढ़िया बात है.


ये मेरा पहला ब्लॉग है अरविन्द केजरीवाल पर और मेरी सुभकामनाये उन के साथ, और ये उम्मीद करता हु कि वो डेल्ही को सुसाशन देंगे!!!


शुक्रवार, 29 नवंबर 2013

Delhi Election 2013

          एक  बार फिर से सभी बरसती मेडक अपने अपने बिलो से बाहर आ गए है,  बाहर जा कर देखा तो पता चला कि चुनाव आने वाले है, पिछले पाँच सालो से जिन नेताओ से आपने मिलने कि कोशिस  करी और आप कि हर कोशिस बेकार गयी देखो मौसम कैसा बदला कि वो आप से मिलने आ पहुचे वो भी आप के द्वार, आप कि परेशानी सुनने का  का समय अब जा कर मिला है उन को पिछले पाँच सालो मैं तो वो अपने और अपने जानने वालो कि समस्यांए सुन रहे थे!↓

     हमारे देश की  सबसे  बड़ी समस्या ये है कि लोगो को अपने वोट कि कीमत का पता ही नहीं, उन को लगता है कि बस चुनाव और कोई भी जीते क्या फ़र्क़ पड़ता है, इस लिए या तो वो चुनाओ मैं भाग नहीं लेते है या फिर अपना वोट बिना सोचे समझे दे आते है, लोगो का मानना यह है कि नेताओ ने  करना उन्होंने  वो ही है जिस मैं उस का और उस के जान पहचान वालो का भला होगा, सरकारी मकान, सरकारी दुाकन, सरकारी गाड़ी, सरकारी फ़ोन, और न जाने क्या क्या फायदे मिलेंगे उन को अगर वो ये चुनाव जीत गए!

    दोस्तों एक और बात हमारे देश कि एक और बड़ी विडम्बना है कि यहाँ पर सरकारी नौकरी पाने के लिए दुनिया जहान कि पढ़ाई करनी पड्ती है, कई टेस्ट पास करने पड़ते है फिर आखिर मैं इंटरविवे से गुजरना पड़ा है तब जा कर कही एक छोटी से सरकारी नौकरी  मिलती है, पर देखो तमाशा कि ये नेता बंनने के लिए कोई पढाई नहीं कोई लिखाई नहीं और अगर आप कि किस्मत ने साथ दिया और आप को मोका मिला नेता बनने का तो ये पढ़ाई किये लोग आप के आगे पीछे, सोचो हम एक सरकारी बाबू को रखने के लिए इतने टेस्ट रखते है और जो इन  सरकारी बाबुओ को ऑर्डर देता है वो जायदातर लोग जानते ही नहीं कि काम केसे  किया जा है! 

   नोकरी के अंदर आप के रिटायरमेंट कि उम्र होती है पर नेतागीरी कि कोई उम्र नहीं जब तक मन नेतागिरी  करे, सरकार कि सोच भी अजीब है सोचती है कि 60 के बाद आदमी किसी काम  का नहीं, उस को घर बेजो  पर उस को नेता बनाने के लिए कोई उम की समय सीमा नहीं!!!        

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

SACHIN TUMHE BHULA NA PAYENGE



                                                        सचिन तुम्हे भुला न पाएंगे!!!

      आज वो दिन भी आ गया जिस का न आने के लिए एस देश दुनिया के सब लोग प्राथना करते रहे पर एक बात कि समय किसी के लिए नहीं रुकता, आखिरकार आज सचिन अपने २४ साल के खेल जीवन को अलविदा कह दिया, ऐसा खिलाडी और  ऐसा सादा  जीवन बस आज मेरे पास सचिन के लिए कहने को कुछ भी नहीं है, 

शायद मेरे पास यही शब्द है, सचिन तुम्हे भुला न पाएंगे!!! 

गुरुवार, 10 अक्टूबर 2013

Sachin "Indian Pride"

   
 

         जेसे ही आज सचिन ने अपने संन्यास की बात मीडिया के सामने कही दिल बेठ सा गया, मालूम है की जो आया है उस को जाना है पर दिल करता है की टाइम लोट जाये, सचिन के बिना क्रिकेट और क्रिकेट के बिना सचिन आधुरे है, आज अगर क्रिकेट विश्व जगत के पटल पर है इस का श्रेय जाता है क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन को!!!
    एसी सादगी और उत्तम श्रेणी का  खेल और उतना ही विवादों से दूरी एसा हर कोई नहीं कर सकता, इस चकाचोंद की जिन्दगी मैं हर कोई टाइम के साथ बदल जाता है पर अगर कोई नहीं बदला तो वो है सचिन यही उन एक बात है जो उन को सब से अलग करती है। कोई दो राय नहीं बदती उम्र किसी के इये भी परेशानी का सबक बन सकती है, पर सचिन ने इस उम्र मैं भी जिस तरह का खेल अपने चाहने वालो को दिखया है वो काबिले तारीफ है!
    अगर आप बात करे एक दिवसीय मेचो की या फिर बात करे टेस्ट मेचो की या फिर टी 20  की सचिने ने अपने आप को काबिल साबित किया है, सचिने का होना ही विपक्षी टीम के लिए एक मनोविज्ञानिक दवाब रखता था, सायद ही कोई हो जो सचिन को अनदेखा कर सके, उनका आत्म-विस्वास काबिले तारीफ था!!!
   मुझे याद आता है एक बात किसी प्रेस रिपोर्टर ने सचिन से पूछा  अभी आप अपने क्रिकेट के जीवन के उचतम स्तर पर है आप सन्यास क्यों नहीं ले लेते, australia के कप्तान मार्क व और कई और दिगज खिलाडियों ने ऐसा ही किया ताकि उन का नाम हमेशा इजत के साथ किया जाये, तब सचिन ने कहा था की  मैं कभी अपने देश के साथ गदारी  नहीं कर सकता की जब मैं भुअत अच्छा खेल रहा हु तब मैं सन्यास ले लू सिर्फ ताकि लोग मुझे याद रखे की मैं अच्छा खेलता था नहीं मैं उस दिन सन्यास लूँगा जब मुझे लगेगा की मैं अब अपनी बनायीं हुई खेल की कसोटी पर खरा नहीं उतर रह… और इसे सब्द सिर्फ और सिर्फ एक महान खिलाडी हो बोल सका है,
       एक ऐसा इन्सान जिस का जीवन समर्पित है खेल और लोगो के लिए, जब उन के चाहने कोई सचिन खेलते हुए नहीं मिलेंगे तो केसा लगेगा, पर ये तो होना ही था तो मैं तो सिर्फ ये कहूँगा सचिन आप जेसा न अभी तक कोई हुआ है और न सायद कभी ःओग… मेरी शुभकामनये सचिन के सथ… लेकिन हम आप को खेल के मैदान पर बड़ा याद करेंगे भगवन आपको लम्बी और निरोगी आयु दे… यही हम सब की सुभकामनाये है!!!

बुधवार, 2 अक्टूबर 2013

------Lalu Yadav---- Political System

 

     आखिरकार लालू यादव को भी जेल का मुह देखना पड़ा, आखिर वो कोन सी बात है की हमारे राजनेता कोई भी गलत काम करने से डरते नहीं है, ऑडिट रिपोर्ट बोलती है 950 का करोड़ का घोटाला है लेकिन सजा हुई सिर्फ 37 करोड़ तक के मामले मैं, और उस मैं भी राज्य के दो दो मुखिया (मुख्यमंन्त्री) मिले हुए !


     नेतिकता तो लगता है सिर्फ किताबो की बाते रहे गयी है, कोई भी इस की बात  नहीं  करता और अगर करता भी है तो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए,नेतानो ने न सिर्फ  लोगो की उम्मीदों को  सिर्फ ख़तम किया बलिक उन के साथ धोखा किया कोई इस बात को क्यों नहीं समझता है! और हर बार हम उन दागी लोगो को फिर से अपना नेता चुन लेते है! इस मैं हमारी जनता की भी गलती है क्यों की वो अपने वोट रूपी दवाई का सही से इस्तमाल नहीं करता है!

  जय प्रकाश के आन्दोलन से अपनी जड़े बनाने वाले और एक समाजवादी व्यक्ति से ऐसी  उम्मीद कभी भी जनता ने नहीं की होगी, पर मुझे कभी कभी दो लाइन याद आ जाती है की ये तो इंडिया है यहाँ कुछ भी हो सकता है!

   इन लोगो को काबू करने के लिए जो भी नियम कानून बनाये जाते है वो सब इन वो धरे के धरे रह जाते है, इस का सब से बड़ा कारण है सुस्त न्याय व्यवस्था, पहले तो FIR लिखने मैं इतना टाइम लग जाता है उस के बाद  एक पूरी न्याय वयस्था,  जिस के हीरो ही इसे नाकारा बना देते है, मैं बात कर रहा हु वकीलों की जिन का काम ही आज के टाइम पर सब गलत कामो को नयायालय मैं ठीक कर के बताना है, क्योकि इस की एवज मैं उन को बढ़िया फीस मिलती है, क्या करे वो भी बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रूपया!!!

  उस के ऊपर से अगर कभी कभी कुछ लोग अच्छी बात कर लेते है तो उन को पीछे धकेल दिया जाता है, बड़ी मुस्किल से जन-प्रतिनधि कानून  आ रहा था उस को रोकने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी एडी छोटी का जोर लगा दिया, अगर ये पास हो,  कांग्रेस ने तो हद ही कर दी जल्दी जल्दी सदन मैं लाये और राष्टपति के पास भेज दिया हस्ताक्षर के लिए, सब दागी नेताओ को डर लगने लगा की कही ये उन के गले की हड्डी न बन जाये !

   मैं हर बार के तरह एक बार फिर से बोलना चाहता हु की अब की बार फिर से लोकसभा के चुनाव आ रहे है, एक और लोकतंत्र का पर्व आ रहा है, हमें इस बात को समझना होगा की सरकारे तो आजादी के बाद बड़ी बदल चुकी है, एक बार क्यों न व्यवस्था को बदलने को कोशिस की जाये, ताकि ये जो कुछ भी देश मैं गुंडाराज चल रहा है इस को अगर हम थोडा भी टिक कर सके तो ये हमारे लोकतंत्र की जीत होगी!!!